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काशीपुर 24 अगस्त 2021
अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए डॉक्टर भगवान और अस्पताल मंदिर समान है। कहीं लोगों को सहारा मिल रहा है तो कहीं इस इलाज के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है। सरकार भले ही अस्पतालों की मुनाफाखोरी पर सख्त और निजी अस्पतालों को कम खर्च पर समुचित उपचार करने के निर्देश दे रही है, लेकिन कुछ अस्पताल ऐसे हैं जिसमें इलाज के नाम पर मरीजों के तीमारदारों से मनमर्जी रकम वसूलने के आरोप इन आरोपों में प्रमुख रूप से शामिल हैं
ताजा मामला मुरादाबाद रोड स्थित केबीआर अस्पताल का है। यहां मरीज के पिता ने पुलिस क्षेत्राधिकारी को फोन कर अस्पताल द्वारा मनमाना शुल्क वसूलने तथा मरीज के उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। सूचना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल कुंडा थाना को निर्देशित करते हुए मामले का संज्ञान लेने को कहा सूचना पर पहुंचे मंडी चौकी प्रभारी अशोक फर्त्याल ने मौके पर पहुंचकर मरीज के परिजनों से मिले मरीज के पिता अशोक कुमार वर्मा ठाकुरद्वारा जिला मुरादाबाद उत्तर प्रदेश निवासी ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसके पुत्र संजय वर्मा का 14 अगस्त की रात्रि करीब 11:00 बजे ठाकुरद्वारा तिकोनिया स्थित जाते समय अचानक गाड़ी के सामने कुत्ता आ गया था जिससे उसके पुत्र संजय वर्मा दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था इस दौरान संजय वर्मा के सिर में गंभीर चोट आई थी उन्होंने बताया कि उनके द्वारा 14 अगस्त की रात को ही अपने पुत्र संजय वर्मा को मुरादाबाद रोड स्थित केबीआर अस्पताल सरवर खेड़ा में भर्ती करा दिया था।
इस दौरान अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने उनसे 1 लाख रुपए जमा करने को कहा परंतु रात्रि में उनके पास इतने पैसे नहीं थे उस समय उन्होंने 20 हजार रुपए अस्पताल में जमा कर कहा कि बाकी रुपए दिन निकलने पर अस्पताल में जमा कर दिए जाएंगे उन्होंने बताया कि अगले दिन 1 लाख 25 हजार रुपए उनके द्वारा केबीआर अस्पताल में जमा करा दिए गए जिस पर दिल्ली से आए दिमाग के डॉक्टर ने उनके पुत्र का दिमाग का ऑपरेशन करके दिमाग में ट्यूब डाल दी गई। ऑपरेशन के 2 दिन के बाद उनका पुत्र सबसे अच्छे से बातचीत करने लगा था परंतु 3 दिन के बाद ही डॉक्टरों ने दिमाग में पड़ी ट्यूब फिर से निकाल दी। जिससे उसके पुत्र की हालत खराब हो गई परंतु उनके पुत्र की हालत सुधार में नहीं है उन्होंने बताया कि उनके द्वारा जब डॉक्टर पंकज डावर से बातचीत की गई तो डॉक्टर ने उन्हें डांट कर कहा कि वह उनके बेटे का गला काटकर उसमें नलकी डालेंगे। मरीज का गला काटकर नलकी डालने की बात पर परिजनों में हड़कंप मच गया उन्होंने आरोप लगाया कि अब डॉ पंकज डावर उनके पुत्र के गले को काटकर उसमें नलकी डालने का ऑपरेशन करने के 20 हजार रुपए और मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिन निकलते ही 9 हजार रुपए की दवाई मेडिकल से आती है। और दोपहर के बाद ₹13 हजार रुपए की दवाई मेडिकल से मंगाई जाती है परंतु उनके पुत्र को कोई फायदा नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके पुत्र के उपचार में अस्पताल में करीब ₹4 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। उन्होंने अस्पताल के डाक्टरों पर यह भी आरोप लगाया कि जब उनका आयुष्मान कार्ड बना हुआ था तो डाक्टरों ने आयुष्मान कार्ड के द्वारा उनके पुत्र का उपचार क्यों नहीं किया। इस दौरान पुलिस और केबीआर अस्पताल के डॉक्टरों तथा मरीज के परिजनों के बीच करीब 2 घंटे चली बातचीत में कोई निर्णय नहीं निकल पाया डॉक्टरों का कहना था की अस्पताल में पैसे जमा करेंगे तभी उपचार किया जाएगा अन्यथा अपने मरीज को कहीं भी उपचार के लिए ले जा सकते हैं। उधर परिजनों का कहना है कि उनके पास उपचार के लिए रुपए नहीं है अस्पताल के डॉक्टर उनके मरीज का उपचार करें मरीज की हालत सही होगी तभी वह कहीं से भी रुपयों की व्यवस्था करके अस्पताल में जमा कराएंगे। उधर अस्पताल के डॉक्टर भी अपनी बात पर कायम है उनका कहना है कि अस्पताल में उपचार कराना है तो रुपए तो जमा करने पड़ेंगे ही।
यू तो लोग डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं परंतु डॉक्टर अपने मरीज के साथ किस तरह का व्यवहार करते हैं। क्या रुपया मानव जीवन से इतना बड़ा हो गया है कि अब रुपए के बिना किसी मरीज का उपचार नहीं हो सकता। प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों से मनमर्जी रुपया लेने का मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा है। बाहर हाल धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर एक बार फिर सुर्खियों में है