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रुद्रपुर 05 मई, 2024/सू0वि0: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते रोज राज्य स्तर पर वनाग्नि, पेयजल संकट एवं चारधाम यात्रा को लेकर मुख्य सचिव तथा सभी जनपदों के उच्च अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल बैठक ली।
उन्होंने वनाग्नि को लेकर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि सभी अधिकारी आपस में समन्वय बनाते हुये वनाग्नि को नियंत्रित करें। उन्होने कहा कि वनाग्नि का प्रभाव ना केवल पेड-पोधों पर अपितु जीव जंतुओं पर भी पड़ रहा है इस लिये जिस भी मशीनरी की आवश्यकता हो उसका उपयोग कर वनाग्नि को रोका जाये। उन्होने कहा कि फायर वाचर जो वनाग्नि की घटनाओ को काबू पाने के लिए लगे है वह स्वयं की सुरक्षा का भी ध्यान रखें। वनाग्नि की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए उन्होने मुख्य वन सरंक्षक, प्रमुख आपदा प्रबंधन व संबधित अधिकारियों को निर्देश दिये किये कि वे स्वंय जिम्मेदारी लेकर अपने अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों, युवक मंगल एवं महिला दल, स्थानीय ग्रामीणों आदि के साथ समन्वय स्थापित करके एक हफ्ते में वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि अन्यथा की दृष्टि में छोटे-बड़े स्तर पर जिम्मेदारी तय की जायेगी।
मा0 मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान पेयजल संकट को लेकर भी समीक्षा की। समीक्षा दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि ऐसे क्षेत्र जहां पर पेयजल संकट अधिक है वहां पर पानी की वैकल्पिक व्यवस्था से सुचारू किया जाए। उन्होंने कहा कि जल की लीकेज जो साधारणतया सभी क्षेत्रों में देखी जाती है उसका निवारण संबंधित विभाग के द्वारा जल्द से जल्द किया जाए साथ ही उन्होंने जल संरक्षण ,संभरण एवं जल संवर्द्धन तथा कैच द रेन कार्यक्रम जागरूकता अभियान चलाये जाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर के अंतर्गत नये पेयजल सा्रेतों का निर्माण तो किया है परंतु ऐसे नदी, तालाब आदि जो सूखे पड़ चुके है उन्हें फिर से पुर्नजीवित किये जाने की अधिक जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जल और बिजली एक-दूसरे के पूरक है। एक के बिना दूसरे का अस्तित्व ही नहीं है। इसलिए सूर्य घर योजना को अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए जिसकी शुरुआत सरकारी कार्यालय भवनों, सरकारी आवासों आदि से करें। उन्होंने कहा कि हर साल ही हमें ऐसी प्रस्थिति से गुजरना पड़ता है तो इसके लिए ऑटो सिस्टम प्रणाली को बनाए व अपनाएं जाने की आवश्यकता है।
। मा0 मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा मार्गों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों के सचिव यात्रा मार्गों का पुनः स्थलीय निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। चारधाम यात्रा में यातायात प्रबंधन और कानून व्यवस्था के स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा में शुरू के पंद्रह दिन काफी महत्वपूर्ण होते है जिसके दृष्टिगत उन्होंने वीआईपी आवागमन को कम करने के निर्देश दिये जिससे की देश-दुनिया के श्रद्धालुओं को आस्था के प्रमुख केन्द्र पर आने के लिए किसी प्रकार की कठनाई का सामना ना करना पड़ें।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्गों पर विद्युत, पेयजल और सड़कों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्गों पर जगह-जगह बने शौचालयों को दुरस्त किया जाए एवं महिलाओं के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी शालीनता एवं सहनशीलता का परिचय दें, यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता न हो। यात्रा ड्यूटी में तैनात सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड पर रहें। मुख्य सचिव राधा रतुरी ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देशनों पर पूर्ण ततर्परता एवं कर्मठता से कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज जो स्थिति है वह गत दिनों के सापेक्ष थोड़ी बेहतर है और साथ ही आवाश्सन दिया कि मा0 मुख्यमंत्री के निर्देशन में एक सप्ताह के भीतर वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पा लिया जाएगा साथ ही पेयजल संकट का भी निदान शीध्र कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को लेकार पूर्ण तैयारियॉं कर ली गई है जिनका पुन निरीक्षण कर दुबारा सुनिश्चित किया जाएगा की श्रद्धालुओं किसी भी प्रकार की सम्सयाओं का सामना ना करना पडें।
इस दौरान जिलाधिकारी उदयराज सिंह, डीएफओ यू0सी0तिवारी, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी, एसपी क्राइम चंद्रशेखर घोड़के, नगर आयुक्त काशीपुर विवेक राय, जिला विकास अधिकारी अजय सिंह, सीएमओ डा0 मनोज शर्मा, ओसी गौरव पांडे, मुख्य कृषि अधिकारी ए0के0 वर्मा , जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमा शंकर नेगी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।