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काशीपुर 18 अक्टूबर 2022
स्टोन क्रेशर स्वामी महल सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्रतार कर लिया है। जबकि चार अभियुत्तफ़ अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। हत्या करने के आरोपी शूटरों तक पुलिस अभी नहीं पहुंच पाई है। यहाँ तक कि पुलिस को इन शूटरों के नाम तक मालूम नहीं हो पाये हैं। अलबत्ता यहाँ मामले का खुलासा करने आये डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस टीम लगातार शूटरों का पीछा कर रही है जल्द ही वह भी पुलिस की पकड़ में होंगे । डीआईजी ने अभियुत्तफ़ों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।
काशीपुर कोतवाली में डीआईजी नीलेश आनंद भरणे, एसएसपी मंजूनाथ टी सी ने इस हत्याकांड में पकड़े गए तीनों आरोपियों से पूछताछ करने के बाद पत्रकार वार्ता में हत्या की असली वजह का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि हत्या के बाद पुलिस टीमें हत्यारों के सुराग में लग गई थी।
डीआईजी ने बताया कि घटना की गम्भीरता को देख ले हुयें आने-जाने वाले घटना स्थल के समस्त मार्गों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का अवलोकन किया गया। सीसीटीवी फुटेज पर अभियुत्तफ़ गणों के साफ फुटेज आने पर उक्त शूटर इण्टरनेशल होने का संदेह व्यक्त किया। सीसीटीवी तथा लोगों से पूछताछ के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि घटना में शामिल पन्नू एकता स्टोर क्रेसर की तरफ बंजारी गेट के पास जंगल में छिपकर पुलिस के डर से कहीं भागने की फिराक में है। सूचना पाकर पुलिस टीम ने रात्रि करीब ढाई बजे रोकने के लिये इशारा किया तो अभियुत्तफ़ के द्वारा पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नियत से फायर कर दिया।
पकड़े गए अभियुत्तफ़ प्रभजोत सिंह पन्नू पुत्र हरजाब सिंह निवासी ग्राम गुलजार पुर कुण्डेश्वरी ने हत्या के कारणों को लेकर बताया कि वह वर्ष 2015 से 2020 तक का स्टोन केशर पर बतौर मुंशी कार्य करता था। स्टोन क्रेशर में महल सिंह, सुखवंत सिंह व उसका भाई हरजीत उर्फ काले व जगप्रीत सिंह पार्टनर थे। पिछले लगभग दो वर्षों से हरजीत काले, महल सिंह व सुखवंत सिंह के बीच आपस में पार्टनरशिप को लेकर विवाद रहने लगा। हरजीत सिंह उर्फ काले स्टोन क्रेशर में जबर्दस्ती अपना हिस्सा चाहता था। परन्तु महल सिंह उसके दबाब में नहीं आ रहा था जिस हरजीत उर्फ काले महल सिंह से दुश्मनी रखने लगा अभियुक्त हरजीत उर्फ काले तथा प्रभजोत उर्फ पन्नू स्वयं भी स्टोन क्रेशर बनाना चाहते थे जिसका मृतक महल सिंह विरोध कर रहा था ।
अभियुक्त हरजीत सिंह उर्फ काले एंव उसके भाई सुखवंत सिंह के बीच पंचायत के माध्यम से एक बार विवाद सुलझाया गया, लेकिन काले संतुष्ठ नहीं था जिस कारण हरजीत सिंह, महल सिंह से और अधिक दुश्मनी रखने लगा।
तब महल सिंह की हत्या की योजना के तहत हरजीत सिंह ने प्रभजोत से सिगनल एप के माध्यम से महल सिंह की हत्या करने के लिये अपने पास कारतूस व वैपन दिये। साथ ही शूटरों की व्यवस्था रखने को कहा। जिस पर हरजीत के कहने पर प्रभजोत ने उसके गैंगस्टर दोस्त को व्हाट्सअप से मृतक महल सिंह एंव उसके पुत्र की फोटो भेजी थी। 12 अक्टूबर को प्रभजोत सिंह को हरजीत से सिंगनल एप के माध्यम से उक्त शूटरों के लिये मोटर साईकिल की व्यवस्था करने के लिये बताया। साथ ही इस काम में महिला रजविन्दर कौर व सेवी से सम्पर्क में रहने के लिये बताया।
प्रभजोत ने बताया कि वह हरजीत सिंह के साथ मिलकर स्टोन क्रेशर लगाना चाहता था। जिसमें महल सिंह अड़ंगा डाल रहा था। इसलिये उसने हरजीत के बतायी योजना के अनुसार काम किया। क्रेशर के माध्यम से रजविन्दर कौर को भी आर्थिक फायदा रहता। इसलियें वह भी इस योजना में शमिल हो गयी। 12 अक्टूबर को सिगनल ऐप के माध्यम से माध्यम से हरजीत उर्फ काले ने अपने गैंगस्टर साथी के साथ मोबाइल से बात करायी और बताया कि रात्रि 9 बजे तक शूटर काशीपुर पहुंच जायेगे। इस दौरान वह लगातार हरजीत सिंह उर्फ काले तथा कनाडा में बैठें दूसरे गैंगस्टर साथी के सम्पर्क में था। योजना के मुताबिक 9 बजे रात्रि दोनों शूटरों को रेलवे स्टेशन काशीपुर से चीमा चौराहे होते हुये हरजीत सिंह उर्फ काले के घर ले गया जहाँ पर रजिवन्दर कौर व सेवी ने दोनों शूटरों के खाने-पीने की व्यवस्था की तथा प्रभजोत ने एक बाइक खरीद कर दोनों शूटरों को देने के लिये सुखदेव सिंह उर्फ सेवी के सुपुर्द की।
अगले दिन 13 अक्टूबर को योजना के अनुसार दोनों शूटरों के साथ प्रातः चार बजे उठकर प्रभजोत अपने दोस्तों के साथ केदार नाथ निकल गया उससे पहले जंगल के रास्ते शूटरों को मृतक महल सिंह के घर पर ले जाकर पूरे रास्तों की रेकी करवाई बाद में शूटरों ने हत्या कर दी।
पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि हरजीत सिंह उर्फ काले के सम्बन्ध में कारोबार तथा अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियों एकत्र की जा रही है। उन्होंने बताया कि हरजीत सिंह उर्फ काले का कोई साथी आर्थिक कार्यों को स्थानीय स्तर पर देखता है इस घटना में उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
पुलिस टीम के द्वारा अज्ञात शूटरों तथा अभियुक्त हरजीत सिंह उर्फ काले की योजना में शामिल ग्राम गुलजारपुर कुण्डेश्वरी निवासी प्रभजोत सिंह पन्नू उर्फ प्रभजीत सिंह पुत्र हरजाब सिंह, रजविन्दर कौर पत्नी तरसेम सिंह सुखदेव सिंह उर्फ सेवी पुत्र प्रीतम सिंह को गिरफ्रतार किया गया। हत्याकांड में हरजीत सिंह उर्फ काले पुत्र गुरनाम सिंह, तनवीर सिंह पुत्र हरजीत सिंह तथा दो अज्ञात शूटर फरार चल रहे हैं। डीआईजी ने बताया कि इस हत्याकांड में पंजाब के मूसावाला हत्याकांड की तरह योजना बनाई गई है। हत्या करने आये शूटर कौन थे और कहाँ रहते थे ये जानकारी गिरफ्रतार किए गये अभियुत्तफ़ों को तक नहीं थी। गिरफ्रतार अभियुत्तफ़ों से पिस्टल 30 कैलीवर नाजायज, कारतूस 08 जिन्दा 30 कैलीवर, कारतूस 02 खोखा 30 कैलीवर बरामद हुये हैं।हत्याकांड के षडयंत्र में शामिल अभियुत्तफ़ों को पकड़ने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक मनोज रतूड़ी, एसएसआई प्रदीप मिश्रा, उपनिरीक्षक अशोक काण्डपाल, धीरेन्द्र सिंह परिहार, सुरेन्द्र सिंह, नवीन बुधानी, दीपक जोशी, प्रदीप पंत, संतोष देवनी ,मनोज जोशी कांस्टेबल मुकेश कुमार, कुलदीप कुमार, गजेन्द्र गिरी, दीवान गिरी, त्रिभुवन सिंह, प्रेम कनवाल, सुरेन्द्र सिंह तथा महिला कांस्टेबल रिचा तिवारी के अलावा एसओजी रूद्रपुर / काशीपुर निरीक्षक विजेन्द्र शाह, उपनिरीक्षक विकास चौधरी, ललित विष्ट, कांस्टेबल कैलाश तोमक्याल, विनय यादव, प्रदीप कुमार, कुलदीप सिंह, दीवान बोरा, दीपक कठैत, राजेश भटट, भूपेन्द्र सिंह व निरीक्षक नरेश चौहान, विक्रम राठौर, एसओ रविन्द्र सिंह विष्ट, एसओ कमलेश भटट, उपनिरीक्षक दीपक कौशिक, अर्जुन गिरी शामिल हैं।