November 24, 2024
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रिपोर्ट-फरीद सिद्दीकी

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काशीपुर 14 सितंबर 2022

हिंदी दिवस के अवसर पर जनजीवन उत्थान समिति द्वारा स्वर्गीय सत्येंद्र चंद्र गुड़िया मार्ग में स्थित श्री जगदीश प्रेरणाभवन में हिंदी दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य विषय था हिंदी राजभाषा से राष्ट्रभाषा कब बनेगी। गोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने किया।

इस अवसर पर बोलते हुए शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि हिंदी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी बोले जाने वाली भाषा है 1918 के इंदौर अधिवेशन में पहली बार हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की वकालत महात्मा गांधी ने की। 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। प्रश्न यह है की राजभाषा कब राष्ट्रभाषा बनेगी 2022 में लाल किले की प्राचीर से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पांच प्रण भारतीय लोगों को लेने के लिए कहा था जिसमें यह भी था कि दासता का कोई भी चिन्ह रहने नहीं देंगे इस बात का यह भी आशय था कि अपनी राजभाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए सतत प्रयास करना। भाषा केवल संप्रेक्षण ही नहीं करती अपितु मन मानस और संस्कृति का भी निर्माण करती है स्वराज के भाव को जगाने के लिए देश को स्वभाषा हिंदी को स्वीकार कर राष्ट्रभाषा का दर्जा देना होगा। आज राजभाषा के रूप में हिंदी की स्मृति का ऐतिहासिक महत्व है हिंदी भाषा की सरलता और सुगमता राष्ट्र में एक मानवीय एकता के भाव को भी जन्म देती है आज हिंदी दिवस पर हम संकल्प लें कि सभी कार्य अपनी राजभाषा में करें और इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए सब मिलकर सतत प्रयास करें। इस मौके पर भास्कर त्यागी एडवोकेट, रईस अहमद एडवोकेट, जहांगीर आलम एडवोकेट, अमृतपाल एडवोकेट, सीमा शर्मा एडवोकेट, श्रीमती मुमताज, संजीव कुमार एडवोकेट, सैयद आसिफ अली, देवांग मिश्रा, प्रीति शर्मा एडवोकेट आदि लोग उपस्थित थे

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