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काशीपुर: कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी तौर पर चल रही गुटबाजी की एक बार फिर पोल खुल गई है बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की जयंती के मौके पर मोहल्ला टांडा उज्जैन स्थित कुष्ठ आश्रम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान फोटो खिंचवाने को लेकर दो कांग्रेसी आपस में भिड़ गए मामले को लेकर संगठन में तमाम तरह की चर्चाएं व्याप्त है
बता दे कि महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के नेतृत्व में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय गांधी की जयंती के मौके पर स्थित आश्रम में कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां मौजूद लोगों को फल वितरित किए गए प्रोग्राम के दौरान फोटो खिंचवाने को लेकर एक कांग्रेसी नेता द्वारा वहां मौजूद कांग्रेसी नेत्री को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया संगठन के कार्यकर्ता द्वारा इस तरह की हरकत किए जाने से आहत महिला नेत्री मौके से चली गई
महिला नेत्री श्रीमती मुक्ता सिंह ने बताया कि कुष्ठ आश्रम में मौजूद लोगों को फल वितरण के दौरान फोटो खींचने को लेकर राशिद फारूकी ने उन्हें अपशब्द कहे जिसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष से उन्होंने शिकायत करने की बात कही है
तो वही इस बारे में राशिद फारूकी से उनका पक्ष जानने के लिए फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं हमेशा श्रीमती मुक्ता सिंह जी का सम्मान करता हूं वह मेरी बड़ी है मैं कभी उनके लिए अपशब्द का प्रयोग नहीं कर सकता मैंने उन्हें किसी भी प्रकार के कोई अपशब्द नहीं कहे हैं
एडवोकेट संदीप सहगल अध्यक्ष महानगर कांग्रेस कमेटी काशीपुर उत्तराखंड
इस संदर्भ में जब काशीपुर कांग्रेस महानगर अध्यक्ष एडवोकेट संदीप सहगल ने सुदर्शन समाचार पत्र से वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है दोनों पक्षों की तरफ से अभी किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं की गई है
ऐसे में भिन्नता के कारण पिछले कई चुनावों में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस वर्ष 2022 के चुनाव में खोया अस्तित्व वापस लाने की जद्दोजहद में है लेकिन संगठन के बीच फेली वैचारिक भिन्नता खत्म होने का नाम नहीं ले रही ऐसे में कहां जाए की हालात ऐसे ही रहे तो कांग्रेस को एक बार फिर से पराजय का मुंह देखना पड़ सकता है