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उत्तराखंड राज्य शहीदों के बलिदान और आंदोलनकारियों के अथक प्रयास से मिला हुआ राज्य है: दीपक वाली वरिष्ठ नेता आम आदमी पार्टी
9 नवंबर को उत्तराखंड स्थापना दिवस के 20 साल पूरे होने के बाद भी, शहीदों के सपनों का उत्तराखंड न बन पाने को लेकर आम आदमी पार्टी ने पूरे प्रदेश में स्थापना दिवस को संकल्प दिवस के तौर पर मनाया संकल्प दिवस पर आप के सभी कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ संकल्प लिया कि जब तक उत्तराखंड के शहीदों का उत्तराखंड ना बन जाए तब तक आप के सभी कार्यकर्ता इसे संकल्प दिवस के तौर पर मनाएगी और शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए प्रयास करते रहेंगे
प्रदेश प्रवक्ता मयंक शर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता आंदोलनकारियों और शहीदों की शहादत को नमन करता है। प्रदेश में इन 20 सालों में सरकारें आई और चली गई, लेकिन किसी भी सरकार ने राज्य के हित और विकास पर ध्यान नहीं दिया है। रामपुर तिराहा कांड, खटीमा कांड, मसूरी कांड समेत ऐसी कई घटनाएं हैं जो, राज्य निर्माण के 20 साल बाद भी अपने सपनो के राज्य के आस्तित्व को तलाश रहे हैं। उत्तराखंड का सबसे बड़ा दुर्भाग्य, ये रहा कि सत्तासीन बैठे विकास की नीति बनाने वालों ने कभी यहां की मूलभूत जरूरत और समस्याओं को लेकर ध्यान नहीं दिया। महज स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश की सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर, कार्यक्रमों का आयोजन जरूर करती लेकिन साल भर आंदोलनकारी जो सड़कों पर प्रदर्शन, कर रहे उनकी सुध नहीं लेती।
आज प्रदेश के राज्य आंदोलनकारी अपनी कई मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। लेकिन सरकार का इनसे कोई सरोकार नहीं शहीद स्थल तोड़े जा रहे हैं आंदोलनकारी आंदोलन को मजबूर है , चिन्हीकरण आज तक पूरा नहीं हुआ, यही नहीं 20 बरस बीत गए प्रदेश की जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए सड़कों पर है , बिजली पानी के लिए पहाड़ के लोग सड़कों पर आंदोलन कर रहे ,