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काशीपुर- उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण के लिए अलका पाल एक जाना पहचाना नाम है, वर्ष -2002 में अपने पति की मृत्यु के बाद आर्थिक संसाधनों को पूर्ण करने की जद्दोजहद और आत्मनिर्भर बनने का प्रयास अलका पाल को सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित करता रहा उन्होंने एच.पी. मेमोरियल समाज कल्याण समिति के माध्यम से समाज की निर्धन, कमजोर, असहाय महिलाओं को जोड़कर उन्हें स्वरोजगार के लिए सिलाई- कढ़ाई- अचार- जेम-पापड़- मोमबत्ती- मिट्टी के बर्तन और मूर्ति, ब्यूटीशियन आदि जैसे महिला प्रधान स्वरोजगार के संसाधनों के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य किया अभी तक लगभग 12 सौ से अधिक निर्धन, असहाय, कमजोर महिलाओं और बालिकाओं को अपनी सामाजिक संस्था के माध्यम से प्रशिक्षित कर उन्हें स्वरोजगार के लिए आत्मनिर्भर बनाया अलका पाल को इसी महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करने पर उत्तराखंड शासन द्वारा ‘तीलू रौतेली’ और उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा ‘उत्तराखंड श्री’ राय फाउंडेशन द्वारा ‘आयरन लेडी ऑफ उत्तराखंड’ जैसे पुरस्कार देकर सम्मानित किया जा चुका है वर्तमान में अलका पाल सामाजिक क्षेत्र के साथ -साथ राजनीतिक क्षेत्र में भी अपना प्रमुख स्थान उत्तराखंड में स्थापित कर चुकी है पूर्व में नगर निगम काशीपुर की निर्वाचित पार्षद सहित वर्तमान में उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की प्रदेश सचिव व पीसीसी सदस्य एवं गदरपुर विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस प्रभारी के रूप में कार्य कर रही हैं अलका पाल ने बताया कि उनके जीवन का उद्देश्य ‘जियो और जीने दो’ का संदेश देना है जिससे कमजोर और असहाय महिलाएं विपरीत परिस्थितियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सकें यही वास्तव में सच्चा महिला सशक्तिकरण होगा