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जसपुर 6 मार्च 2024
भारत सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश है. हमारे देश में ऐसी अनेक संस्कृतियां और परंपराएं पाई जाती हैं, जो अपने आप में अद्भुत हैं,दुनिया के दूसरे देशों में ऐसा देखने को आपको नहीं मिलता है,भंडारा भी हमारी सांस्कृतिक विरासत की देन है, जिसमें अलग-अलग मान्यताओं के साथ अलग अलग समय पर भंडारे में निस्वार्थ भाव से भोजन कराया जाता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे भंडारे के बारे में बता रहे हैं जिसमें कभी सिर्फ 5 शिव भक्तों को भोजन किया था लेकिन उन्ही शिव भक्तों के आशीर्वाद से अब प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर 5 दिन तक भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों श्रद्धालुओं प्रसाद ग्रहण करते हैं
बता दे कि हरिद्वार कांबड लेकर लौट रहे कांवरिया तेजी से अपने गंतव्य पर पहुंच रहे, लोग जगह जगह कांवरियों के स्वागत के साथ भंडारा आयोजित कर रहे,
ऐसे में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी श्री साईं ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन महुआडाबरा जसपुर उत्तराखंड के तत्वावधान में उत्तराखंड/उत्तर प्रदेश सीमा पर ग्राम अलेहपुर में कई स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ कडी-चावल और उड़द-चावल का भंडारा किया गया। जिसमें क्षेत्र के साथ-साथ हरिद्वार से लौट रहे हजारों की संख्या में पहुंच रहे शिव भक्त भंडारे में प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं, साथ ही यहां कांवरियों के ठहरने की व्यवस्था भी की गयी है।
इस दौरान श्री साई ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन महुआ डाबरा के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने 5 दिन तक चलने वाले इस भंडारे के इतिहास को बताया उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम इस भंडारे का शुभारंभ 5 से 7 शिव भक्तों से हुआ जो एक दिन आकर ग्राम नादेही में हमारे पेट्रोल पंप पर रुके और उन्होंने मुझसे शाम के भोजन की व्यवस्था के लिए कहा मैंने बिना देर किए हुए घर पहुंच कर अपनी पत्नी से शिव भक्तों के लिए भोजन बनवाकर उनको भोजन कराया जिससे मेरे मन को बहुत शांति मिली, उन शिव भक्तों ने जाते-जाते मुझे आशीर्वाद दिया की जा बच्चा तेरा भंडारा ही भंडारा होगा तब से यह भंडारा जो 2005 में शुरू 5 शिव भक्तों से शुरू हुआ था ,आज हजारों की संख्या में यहां पर भक्त प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। श्री राजकुमार सिंह का कहना है कि यह सब भोले बाबा का आशीर्वाद है सेवा कार्य से बड़ा कोई कार्य नहीं होता और इसी सेवा कार्य से मुझे परम सुख की अनुभूति प्राप्ति होती है।
वही सेवक कार्यों में लगे हुए सेवक कमी जो निरंतर पिछले कई वर्षों से अपनी सेवाएं इस भंडारे में दे रहे हैं वह अपने आप को धन्य समझते हैं भंडारी में आज भी अशोक कुमार निपेंद्र सिंह रघुनंदन सिंह पंकज सहित तमाम भक्ति निरंतर मौजूद रहते हैं