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काशीपुर 21 नवंबर 2023
वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय बाबू राम जी को समाज सेवा के लिए हमेशा याद किया जाएगा। स्व.बाबूराम जी की समाज को देन एवं मानवता के प्रति उनके समर्पण भाव के लिए किए गए कार्य सदैव प्रेरणास्रोत रहेंगे। उक्त बात बाल सुंदरी परिणय सेवा संस्था के महासचिव वरिष्ठ पत्रकार सुरेश शर्मा ने 7 वां सामूहिक विवाह समारोह की तैयारियों के तहत बताया कि काशीपुर माँ बाल सुन्दरी परिणय सेवा संस्था गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी 23 नवम्बर (देवउठावनी एकादशी) के दिन चैती मेला परिसर में 21 जरूरतमंद परिवारों की कन्याओं का सामूहिक विवाह करवायेगी। जिसकी तैयारिया लगभग पूर्ण हो चुकी है। उन्होंने कहा कि स्व. बाबूराम बाल सुंदरी परिणय सेवा संस्था के संस्थापक थे तथा उनके आदर्श संस्था का सदैव मार्गदर्शन करते रहेंगे।
2015 से लगातार संस्था से जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार एवं संस्था के महासचिव सुरेश शर्मा ने बताया कि वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय बाबूराम जी हमेशा निर्धन लोगों की मदद किया करते थे 2007 मैं वासियों वाले मंदिर पर जरूरतमंद परिवारों की कन्याओं की शादियां होती थी और इन शादियों में भी बाबूराम जी का बहुत बड़ा योगदान रहा वह जरूरतमंद परिवारों के कन्याओं के विवाह में मदद के लिए लंबे समय तक काम करते रहे इसी के चलते उनके मन में ख्याल आया कि हर मां बाप का सपना होता है कि उनके आंगन में शहनाई बजे और उनकी बेटी की डोली धूमधाम से उठे लेकिन गरीब परिस्थिति के कारण यह संभव नहीं हो पाता था ऐसे में गरीब बेटियों के विवाह के लिए उन्होंने सन 2015 में बाल सुंदरी परिणय सेवा संस्था का गठन किया जो हमेशा गरीब परिवारों के कन्याओं की शादियों के लिए काम करती रही और यह सारी शादियां बाबू राम जी की देखरेख में हुआ करती थी
उन्होंने बताया कि काशीपुर में धनबान बहुत है लेकिन सामाजिक कार्यों में उनसे बड़ा योगदान किसी का नहीं खासतौर से वह निर्धन गरीब वर्ग के लिए वह हमेशा तैयार रहते थे उन्होंने कहा कि बाबू राम जी के स्वर्गवास के बाद अब उनके पुत्र आनंद कुमार एडवोकेट इसी परंपरा को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं और इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दिनांक 23 नवंबर 2023 को 7 वां सामूहिक विवाह समारोह के तहत 21 गरीब कन्याओं की शादी देव उठानी एकादशी दिन बृहस्पतिवार को बाल सुंदरी देवी मंदिर के प्रांगण में होने जा रही हे। जिसमें लगभग हजारों लोगों के पहुंचने की संभावना है। जो वर वधु को आशीर्वाद देने के लिए समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि सामूहिक विवाह में फेरे सनातन धर्म के अनुसार विधि-विधान से करवाये जायेंगे। विवाह के उपरांत वर-वधू पक्ष को विवाह प्रमाण पत्र भी विवाह समारोह के बाद दिये जायेंगे।