November 24, 2024
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सुदर्शन समाचार ब्यूरो

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काशीपुर 20 अक्टूबर 2023

श्रीराम इस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टैक्नोलॉजी में 13-14 अक्टूबर 2023 को भारत सरकार एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्देशित अनुच्छेद लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें संविधान में वर्णित 22 भाषाओं का प्रयोग करते हुए प्रशिक्षणार्थियों को अपने भावों को अनुच्छेद के रूप में प्रकट करना था।

शीर्षक के अंतर्गत प्रशिक्षणार्थियों पंजाबी, कुमाऊनी गढ़वाली, हिन्दी और संस्कृत भाषा में अनुच्छेद लेखन किया। जिसमें प्रथम अनुपमा मौर्या, द्वितीय पूनम उप्रेती, तृतीय करिश्मा, चतुर्थ आर्ची सक्सना एवं पंचम स्थान हिमांशी गुप्ता ने प्राप्त किया।

संस्थान के अध्यक्ष श्री रवीन्द्र कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों भाषायी लेखन कौशल की प्रसंशा करते हुए कहा कि संविधान सभा में जब हिन्दी को राष्ट्र भाषा घोषित नहीं किया गया तो अनुच्छेद 351 के तहत कुछ भारतीय भाषाओं को विशेष भाषा का दर्जा देने का प्रावधान दिया गया भारत की भाषायी विविधता की पहचान और सम्मान करते हुए संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को सम्मिलित किया गया है। कुछ भारतीय भाषाओं की प्राचीन साहित्यिक परंपरा का संरक्षण और संवर्धन करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा उन्हें ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा प्रदान किया जाता है।

संस्थान के निदेशक प्रो० (डा०) योगराज सिंह ने बताया कि वर्तमान में संविधान की आठवी अनुसूची में 22 भाषाएँ शामिल हैं – असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी. मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, बोडो । संथाली, मैथिली और डोगरी लेकिन भारतीय विविधत्ताओं के कारण इन सभी भाषाओं का यथावित विकास नहीं हो सका है अब समय है कि हमें अपनी भाषाओं की ओर ध्यान देते हुए उनका विकास करना चाहिए।

संस्थान के प्राचार्य (डा०) एस०एस० कुशवाह ने बताया कि राष्ट्रीय एकता की भावना का जश्न मनाने के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम शुरू किया गया था। भाषा संगम हमारे देश की भाषाओं की अनूठी सहानुभूति का प्रतीक है और एक भारत के लिए हमारे साझा सपनों, आशाओं और आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति है। भाषा संगम पहल के तहत भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध भारतीय भाषाओं में छात्रों को बहुभाषी अनुभव प्रदान करने की योजना बनाई गई थी । यह पहल इन भाषाओं में रुचि पैदा करने और अधिक सीखने के लिए जिज्ञासा पैदा करने की यात्रा की शुरुआत थी।

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