November 24, 2024
wp-1680921133284
सुदर्शन समाचार ब्यूरो

Share This News!

काशीपुर 7 अप्रैल 2023

काशीपुर का प्रसिद्ध चैती मेला अपने चरम पर है हथकरघा प्रदर्शनी मै स्थानीय एवं दूरदराज से आने वाले लोगों की भीड़ दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। चैती मेले में जहां देश के विभिन्न राज्यों से विभिन्न उत्पादों की दुकान दुकानदार लेकर आए हुए हैं तो वही इस मेले में हथकरघा बुनकर हस्तशिल्पी एवं लघु उद्यमियों द्वारा विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी दिनांक 28.03.2023 से एक प्रदर्शनी आयोजन किया गया है। जिसमें उत्तराखण्ड के अतिरिक्त अन्य राज्यों से भी हथकरघा बुनकर समितियां, हस्तशिल्पी अपने उत्कृष्ट उत्पादों सहित भाग ले रही हैं। उक्त प्रदर्शनी में काशीपुर एवं जसपुर की प्रिन्टेड चादरें, जैकार्ड बैडशीट, दरी, आसन, मूंज घास से निर्मित शिल्प उत्पाद, लेडीज बैग, जूट बैग उत्तर प्रदेश के सोफा कवर, – कुशन / कुशन कवर, पर्दे, खादी कुर्ता पैजामा, काशीपुर का अचार मुरब्बा, जूस, प्रसिद्ध कुमांऊ नमकीन आदि उत्पाद बिक्री हेतु प्रदर्शित किये जा रहे हैं।

वही उत्तराखंड की कुमाऊं तथा गढ़वाल के प्रोडक्ट की अनुपम छटा बिखेरती एक दुकान हथकरघा प्रदर्शनी में तराई के लोगों को अपनी ओर खासा आकर्षित कर रही हैं। इस दुकान पर काफी पर्वतीय खाद्य उत्पाद देखने को मिल रहे हैं जो ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। काशीपुर में इस समय चल रहे चैती मेले में जहां पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान और उत्तराखंड के हरिद्वार भदोही का कालीन और खुर्जा की क्रोकरी तथा अन्य घरेलू उपयोग में आने वाले सामानों की दुकाने  जहां लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं।

तो वही इस चैती मेले में लगी हथकरघा प्रदर्शनी में कुमाऊं नमकीन उद्योग पिथौरागढ़ नाम की दुकान में है  खाद्य उत्पादों की काफी संख्या में वैरायटी मिल रही हैं जिसमें पहाड़ी दालों आदि से लेकर पहाड़ी नमकीन, मडुवे से बने खाद्य पदार्थ मुख्य रूप से शामिल है। जहां कुमाऊं की दुकान का नेतृत्व पिथौरागढ़ से पिछले 29 वर्षों से लगातार दुकान लगा रहे देवकी जोशी तथा उनका परिवार कर रहा है। पिथौरागढ़ से आई देवकी जोशी बताती हैं कि इसके पहले उनके चारो बेटे इस दुकान को यहां पर चैती मेले में लगाते थे लेकिन अब सभी नौकरी पेशा होने के कारण इस दुकान को वह और उनके पति लगाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page