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काशीपुर: आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक वाली ने नगर निगम पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि बांसियों बाला मंदिर के पास मौके पर निर्माण कार्य हो रहा है मगर नगर निगम के जेई को न तो इसकी कोई जानकारी है और न ही यह पता है कि इस कार्य का कोई टेंडर हुआ भी है या नहीं
पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नेता दीपक बाली नगर निगम पहुंच गए तो उन्हें काफी प्रयासों के बाद जे0ई ने वर्क आडर की जो प्रतिलिपि दी उस पर ना तो कोई तारीख पड़ी है और न ही किसी अधिकारी के हस्ताक्षर
तो वही बांसियों वाले वाले मंदिर जसपुर खुर्द पहुंचे दीपक बाली ने मौके पर चल रहे नाला निर्माण स्थल पर मिली निर्माण सामग्री की ईटे भी ऐसी कि जो उठाते ही खुद ही टूट गई ।
हुआ यूं कि एक जागरूक नागरिक ने आप नेता दीपक बाली को फोन कर अवगत कराया कि श्री बांसियों वाले शिव मंदिरके पास नगर निगम द्वारा बगैर टेंडर किए नाले का निर्माण कराया जा रहा है ।फोन करने वाले ने एक वीडियो भी भेजी जिसमें नगर निगम के जेई उससे यह कहते सुने जा रहे हैं कि उन्हें न तो नाले के हो रहे निर्माण के बारे में कोई जानकारी है और न नाले के टेंडर के बारे में ।आप नेता श्री बाली जब नगर निगम पहुंचे तो उन्हें वहां मेयर महोदया सहित कोई अधिकारी नहीं मिला ।संबंधित जेई ने पहले तो नाले के संबंध में टाल-मटोल की लेकिन बाद में करीब दस लांख रूपयेके कार्यों के वर्क आर्डर की प्रतिलिपि दिलवा दी जिस पर न कोई तारीख अंकित है और न किसी अधिकारी के हस्ताक्षर । श्री बाली नाला निर्माण स्थल पर पहुंचे तो कुछ ईटे तो छूने भर से टूट गई और नाला भी ऐसा आधा अधूरा बन रहा है कि आधी बस्ती उसके पानी से जल मग्न रहा करेगी । मौके पर मौजूद पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए श्री बाली ने वर्क आर्डर की प्रतिलिपि को संदिग्ध बताया ।उन्होंने कहा कि निसंदेह अत्यंत आवश्यक होने पर नगर निगम को ढाई लाख रुपए तक केनिर्माण कार्य कराने का अधिकार है लेकिन विभिन्न कार्यों को जोड़ जोड़ कर 10लांखरुपए का वर्क आर्डर जारी किया जाना संदेह जनक है और मौके पर चल रहा नाला निर्माण काफी कीमत का प्रतीत हो रहा है ।नाला निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का कोई बोर्ड भी मौके पर नहीं जो होना चाहिए ताकि जनता निर्माण सामग्री का अवलोकन कर सकें। श्री बाली ने खुला आरोप लगाया है कि हकीकत यह है कि बड़े-बड़े कामों को टुकड़ों में बांटकर कराया जा रहा है ताकि उनकी लागत एक बार में ढाई लाख से अधिक की न हो और उस काम को बगैर टेंडर के केवल वर्क आर्डर द्वारा कई हिस्सों में करा कर बंदरबांट किया जा सके । श्री वाली ने प्रश्न उठाया कि जब कॉलोनी आगे तक है तो फिर नाला पीछे तक क्यों बनाया जा रहा है ?तस्वीरों में साफ है कि आधी आबादी को छोड़ दिया गया है जो आए दिन पानी भरने से !परेशान रहा करेगी बाद में इसी नाले को फिर आगे तक वर्क ऑर्डर द्वारा कराया जाएगा इससे निगम की नियत पर शक होना स्वाभाविक है क्योंकि यह जनता के पैसे की बंदरबांट है !निगम के जेई द्वारा पहले नाला निर्माण और उसके टेंडर के बारे में अनभिज्ञता जताना और बाद में वर्क ऑर्डर की कॉपी दे देना अपने आप में पूरे मामले के संदिग्ध होने की सारी कहानी बयां कर रहा है।