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काशीपुर: आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठाएं जिसको लेकर रामनगर रोड स्थित आप कार्यालय में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया , मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा समेत सभी मामलों में पिछले 20 सालों से बद हाली के लिए बीजेपी कांग्रेस की सरकारें जिम्मेदार रही हैं। इनके नेता अपने विकास की सोच रखते हैं यही वजह है उत्तराखंड पिछले 20 सालों में विकास की राह नहीं पकड़ पाया। साथ ही प्रेस वार्ता के दौरान उत्तराखंड के स्कूलों और शिक्षा की बदहाली को लेकर आप के नए अभियान की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत , अब उत्तराखंड के स्कूलों की बदहाली और बेहतर शिक्षा के दावों पर निर्णायक फैसला जनता का होगा।
जिस तरह से मनीष सिसोदिया ने अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान, यहां के स्कूलों के हालत और शिक्षा पर चिंता व्यक्त की तो प्रदेश के मंत्री,विधायक तमाम दावे करते नजर आए यहां तक उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने उत्तराखंड में दिल्ली से बेहतर स्कूलों का दावा कर दिया जिसका फैसला अब पूरी तरह आप ने जनता पर छोड़ दिया।
इसी कड़ी में आप ने पूरे प्रदेश के स्कूलों के हालात पर #SelfieWithSchool
अभियान की शुरुआत की। यह अभियान 8,9 और 10 तारीख(3) दिन तक चलने वाले इस अभियान में आप ने जनता से अपील की है कि आप अपने स्कूलों की बदहाली से सीधे मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री को,सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए दिखाएं,वीडियो बनाएं,सेल्फी लें और इसको सीधे भेज दीजिए
तीन दिन के इस अभियान #SelfieWithSchool में उत्तराखंड की जनता अपने आस पास के स्कूलों के हालत पर सेल्फी या वीडियो बनाकर अपने सोशल मीडिया माध्यम से मुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री को भेज सकते हैं या व्हाट्सएप नम्बर पर भेज सकते हैं जिसका नम्बर 8800026100 होगा। स्कूलों की बदहाली की दशा पर,जनता द्वारा भेजे गए वीडियो को
आम आदमी पार्टी अपने प्लेटफॉर्म से मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री तक पहुंचाएगी
आप प्रवक्ता मयंक शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा, पिछले 20 सालों में उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था लचर हो गई ,पहाड़ों पर टीचर नहीं है हालात ये है कि बच्चों की कमी के चलते कई स्कूल बंद कर दिए गए और कई बंद होने की कगार पर है । अगर हालात ऐसे ही रहे तो कैसे उत्तराखंड में बच्चों के भविष्य को बनाया जा सकता है। आप प्रवक्ता मयंक शर्मा ने कहा,तीन दिन के इस अभियान से उत्तराखंड के शिक्षा मॉडल की पोल खुल जाएगी ।