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काशीपुर 18 जनवरी 2023
निशाना तो थी पठान फिल्म मगर गलतफहमी के चलते एक भाजपा नेता आ गए दूसरे के सामने । एक ने केवल पठान फिल्म को टारगेट बनाया तो दूसरे ने बेवजह का पंगा ले लिया। इस प्रकरण में गलतफहमी होने का कारण लगता हैं कि भले ही निकाय चुनाव अभी दूर हों मगर उनका रंग अभी से दिखाई देने लगा है ,यही कारण है कि पठान फिल्म को लेकर भी एक पक्ष ने फिल्म का विरोध किया जबकि दूसरे पक्ष ने इसे अपना चुनावी कंपीटीटर समझकर बयानबाजी शुरू कर दी।पठान फिल्म के विरोध की शुरुआत भले ही दीपक बाली ने की हो मगर अंदर खाने इस फिल्म का विरोध भाजपाइयों में ही नहीं राष्ट्र व धर्म के प्रति समर्पित दूसरे संगठनों के लोगों ने भी शुरू कर दिया है और उन्होंने स्पष्ट इशारा किया है कि दीपक बाली जिस विरोध की बात कह रहे हैं वह सही है और उनकी सोच राष्ट्रधर्म की भावना से ओतप्रोत है। पठान फिल्म के विरोध को लेकरअंतर सिर्फ इतना है कि कुछ ने अपना दर्द व्यक्त कर दिया है तो कुछ अभी दर्द को अंदर ही समेटे हुए हैं।
इस पूरे प्रकरण में गौरतलब बात यह भी है कि पूरे मामले का प्रशासन को पता है क्योंकि फिल्म के विरोध की घोषणा करने से पहले ही भाजपा नेता दीपक बाली ने स्थानीय प्रशासन को अपने निर्णय की लिखित सूचना दे दी थी बावजूद इसके प्रशासन क्या कदम उठाएगा इसका कोई इशारा उसकी ओर से अभी तक नहीं मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि भले ही पठान फिल्म अभी रिलीज भी न हुई हो मगर इसके प्रदर्शन को लेकर पिछले कई दिनों से काशीपुर में भाजपा नेताओं में आपसी द्वंद मचा हुआ है। भाजपा नेता दीपक बाली के काशीपुर में फिल्म का प्रदर्शन न होने देने की चेतावनी और भाजपा के ही नेता और थियेटर मालिक राम मेहरोत्रा द्वारा फिल्म का प्रदर्शन रोकने से इन्कार करने के बाद अब भाजपा के प्रदेश मंत्री गुरविंदर सिंह चण्डोक ने भी पठान फिल्म को लेकर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि अश्लीलतापूर्ण फिल्म पठान का वे विरोध करते हैं। ऐसी कोई भी फिल्म कम से कम देवभूमि उत्तराखंड में तो कतई प्रदर्शित नहीं होनी चाहिए।भला जिस फिल्म के पोस्टर देखने मात्र से शर्म महसूस होती हो उस फिल्म की दिखाई जाने वाली कहानी कैसी होगी ?उत्तराखंड देव भूमि है और पूरा देश उसकी दुहाई देता है अत : देवभूमि में अश्लील और फूहड़ फिल्मों के प्रदर्शन को कोई स्थान नहीं होना चाहिए। भला जिस फिल्म को मां बाप और बेटी एक साथ में बैठकर न देख सकते हो ऐसी फिल्म हमारे समाज को क्या संस्कार परोसेगीं ? वहीं, युवा नेता गगन काम्बोज ने भी काशीपुर में पठान फिल्म का प्रदर्शन न किये जाने की मांग को जायज बताते हुए आमजन से इस फिल्म का बहिष्कार करने का आहवान किया है। उन्होंने कहा है कि ऐसी घिनौनी फिल्में हमारे समाज को भटका रही हैं। इन फिल्मों से हमारे युवाओं को संस्कार मिलने के बजाय उनकी भारतीय संस्कृति के संस्कार समाप्त हो रहे हैं ।उधर, इस संबंध में धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री कृष्ण कुमार अग्रवाल एडवोकेट ने इस प्रकरण में पितामह की भूमिका निभाने का काम किया है । उन्होंने किसी भी पक्ष पर कोई दबाव तो नहीं डाला मगर राष्ट्र धर्म के निमित्त एक बुजुर्ग होने के नाते उन्होंने भाजपा नेता एवं सिनेमा हॉल के मालिक राम मल्होत्रा को सुझाव जरूर दिया है कि फिल्म पठान को लेकर आपस में किसी भी तरह की बहस या बयानबाजी न कर यह समझना जरूरी है कि फिल्म में भगवा रंग का अपमान करने वाले फिल्म निर्माता को दंड अवश्य ही मिलना चाहिए। श्री अग्रवाल ने भाजपा नेता/थियेटर मालिक राम मेहरोत्रा को पत्र लिखकर फिल्म पठान का प्रदर्शन न करने का अनुरोध किया है।