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काशीपुर- वरिष्ठ कांग्रेसी नेत्री व उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की प्रदेश सचिव अलका पाल ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार की बौखलाहट है कि वह अन्नदाता किसानों के आंदोलन को एक साजिश का नाम दे रही है आजकल सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिकारी सभी एक राग अलाप रहे हैं कि किसान आंदोलित नहीं है, कांग्रेस के लोग आंदोलन कर रहे हैं देश और प्रदेश के किसान बेहद खुश है, यह सरासर झूठ है यदि वास्तव में उत्तराखंड के किसान सरकार से खुश होते तो उन्हें आत्महत्या नहीं करनी पड़ती मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ही किसानों और व्यापारियों को आत्महत्या तक करनी पड़ रही है हकीकत यह है कि सरकार का चेहरा बेनकाब हो चुका है अब आंदोलन के खिलाफ सरकार के मंत्रीगण दुष्प्रचार कर रहे हैं कांग्रेस नेत्री और पीसीसी सचिव अलका पाल ने कहा कि राज्य कि भाजपा सरकार की नीतियों की वजह से किसानों को आज मजबूरन आत्महत्या करनी पड़ रही है अब केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में भी किसानों की जान जा रही है सड़कों पर खुले आसमान के नीचे सर्दी में किसानों में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है सरकार को चाहिए कि वह बताएं कि कितने किसानों की बलि और लेना चाहती है उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि खुले आसमान के नीचे किसान ठंड में आंदोलन करने को मजबूर क्यों हैं उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में उबाल है, लेकिन देश के प्रधानमंत्री रेडियो पर अपने मन की बात तो करते हैं ,लेकिन किसानों के दिल की बात नहीं सुनते गूंगी- बहरी केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों को देश का अन्नदाता सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए दिल्ली की सड़कों पर भीषण सर्दी में खुले आसमान के नीचे आंदोलन कर रहा है जिस देश का अन्नदाता अपनी ही हुकूमत के खिलाफ सड़कों पर उतर जाए, उस सरकार की उल्टी गिनती आरंभ हो जाती हैl अलका पाल ने केंद्रीय कृषि कानूनों पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि कानूनों को लागू करने से पहले केंद्र की सरकार ने ना तो किसान संगठनों से, न ही विपक्ष को विश्वास में लिया हिटलर शाही तरीके से कृषि कानूनों को देश के अन्नदाता पर थोप दिया , जो कि सरासर तानाशाही का परिचय है पूरे देश के किसानों के साथ कांग्रेस पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं l