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काशीपुर: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य एवं कांग्रेस पूर्व मेयर प्रत्याशी मुक्ता सिंह ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर 38 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है। उधर गाजीपुर बॉर्डर पर शनिवार को 75 साल के किसान कश्मीर सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा कृषि बिलों पर फैसला वापस न लेने से हताश किसान कश्मीर सिंह ने खुद को मौत को गले लगा लिया। मुक्ता सिंह ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपने अड़ियल फैसलों के कारण किसानों की समस्या का समाधान करने में असमर्थ साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि अपने दो दिवसीय गाजीपुर बोर्डर पर उन्होंने कृषि बिल के विरोध में हजारों किसानों के बीच केंद्र सरकार को जगाने के लिए आवाज उठाई थी, और उन्होंने देखा था कि किसान शांतिप्रिय धरने में सर्द मौसम की कप कपा देने वाली ठंड से ठिठुरता हुआ किसान अपने हक की आवाज के लिए संघर्ष कर रहे थे । उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पूर्व का कांग्रेस शासन काल का इतिहास गवाह है ।कि किसानों मजदूरों युवाओं को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने देश की जनता की आवाज के साथ ही विकास कार्य किया कांग्रेस शासन में प्रत्येक नागरिक तक सरकार की योजनाएं पहुंची थी, महंगाई पर नियंत्रण था देश की अर्थव्यवस्था विश्व में प्रथम पायदान पर थी, हिंदुस्तान को कांग्रेस शासन में हर मुल्क सोने की चिड़िया कहता था। लेकिन आज वर्तमान सरकार में देश का हर एक नागरिक केंद्र सरकार के गलत फैसलों से पीस रहा है। आज देश में खुशहाली नहीं अपितु महंगाई की मार से त्राहि-त्राहि है। उन्होंने कहा कि सरकार की करनी और कथनी में फर्क जनता जान रही है।