November 24, 2024
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रिपोर्ट-फरीद सिद्दीकी

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काशीपुर 11 दिसंबर 2022

सड़क हादसे या किसी अन्य कारण से चोटिल होने वालों को अस्पताल पहुंचाने से पहले दिए जाने वाले इलाज की जानकारी आम लोगों को भी होनी चाहिए। नवजीवन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा आज इसके लिए एक कैंप के माध्यम से बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन किया गया । इसके तहत स्कूल, कॉलेज,और अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ व तीमारदारों को जानकारी दी गई। कार्यक्रम का आगाज रविवार को नवजीवन अस्पताल के एम डी डॉक्टर शत्रुंजय कुमार शर्मा ने किया।

क्या है बीएलएस? बीएलएस बुनियादी चिकित्सा सहायता है, जो लोगों को अस्पताल पहुंचने से पहले या उन स्थितियों में दी जाती है, जहां चिकित्सा सुविधा तुरंत उपलब्ध नहीं होती है। मौके पर घायल को सीधा लिटा दें। उसकी नब्ज देखें, गर्दन की नाड़ी, नाक पर हाथ लगा देखें कि उसकी सांसें चल रही हैं। इसके बाद उसकी छाती खत्म होने व पेट शुरू होने वाली जगह पर अपने एक हाथ की हथेली पर दूसरे हाथ को रख कर उसे प्रेस करें। एक मिनट में 100 से 120 बार ऐसा करें। इसके बाद उसे अस्पताल पहुंचा दें।

बेसिक लाइफ सपोर्ट से बच सकेगी मरीजों की जान: डॉ.शत्रुंजय कुमार शर्मा

डॉक्टर शत्रुंजय कुमार शर्मा

नवजीवन अस्पताल के निदेशक डॉ. शत्रुंजय कुमार शर्मा के अनुसार चोट लगने या हार्ट अटैक समेत अन्य बीमारियों का दौरा पड़ने पर कई बार जानकारी के अभाव में प्राथमिक इलाज न मिलने से पीड़ित की मौत हो जाती है। बेसिक लाइफ सपोर्ट से बिना किसी उपकरण मरीज को अस्पताल पहुंचने तक सांस दी जा सकती है। डॉ. शत्रुंजय कुमार शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत रोज मरीज को तुरंत दी जाने वाली मदद की जानकारी दी गई।

डॉ जितेंद्र कुमार सरोज ने बताया कि बेसिक लाइफ सपोर्ट (Basic life support) में प्रशिक्षित करने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन आज नवजीवन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में किया गया। जिसमें जटिल मामलों को हैंडल करने के लिए जानकारी एवं कौशल प्रदान करना इस सत्र का मुख्य उद्देश्य था। उन्होंने बताया कि बेसिक लाइफ सपोर्ट के तहत चिकित्सा प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला होती है। मरीज को घातक स्थिति से बाहर निकालने के लिए इन प्रक्रियओं का इस्तेमाल किया जाता है। बेसिक लाइफ सपोर्ट (Basic life support) को बीएलएस भी कहा जाता है। यह मुश्किल मामलों में मरीज को जरूरी चिकित्सकीय देखभाल प्रदान करता है, जब तक कि उसे एडवांस्ड उपचार या देखभाल न मिल जाए। अस्पताल में भर्ती से पहले इस सपोर्ट के महत्व को देखते हुए इस प्रक्रिया के बारे में सही जानकारी और कौशल बहुत जरूरी है।

डॉक्टर सोनम जैन ने बताया कि अगर कोई हादसे में घायल हो जाए या चलते-चलते सड़क पर बेहोश होकर गिर जाए तो किसी भी व्यक्ति का प्रथम कर्तव्य उसकी जान बचाना होगा। इसके लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) का ज्ञान होना जरूरी है।उन्होंने कहा कि सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति को कभी नजरअंदाज न करें। उसे तुरंत बीएलएस की सुविधा दें और एंबुलेंस बुला कर अस्पताल पहुंचाएं। आपका थोड़ा सा समय उसकी जिंदगी बचा सकता है। इस मौके पर डॉक्टर सोनम जैन डॉक्टर जितेंद्र कुमार सरोज डॉ कासिम अली डॉ नसीम अली,अनवार डॉक्टर तारीक,सुनील कुमार अकबर मोहम्मद जावेद नसरुद्दीन तथा अन्य अस्पतालों का चिकित्सक स्टाफ सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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