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काशीपुर 28 नवंबर 2022
काशीपुर। श्रीराम संस्थान के प्रांगण में सांस्कृतिक वार्षिक समारोह बड़े हर्षोल्लास व उत्साह के साथ मनाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय, देहरादून कुलपति प्रो. (डाॅ.) ओंकार सिंह एवं विशिष्ट अतिथि कैबिनेट रैंक मिनिस्टर, उत्तराखण्ड कैलाश चन्द्र गहतोडी, चेयरमैन एसपीएनजी ग्रुप, काशीपुर योगेश कुमार जिंदल, देवेंद्र कुमार जिंदल, मेयर, ऊषा चौधरी व एमडी नैनी पेपर्स, काशीपुर पवन कुमार, राजीव घई, ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। बीएड की छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना व स्वागत गीत द्वारा कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। तदुपरान्त भारतीय संस्कृति की सत्यता को दर्शाते हुए आरम्भ है प्रचन्ड, शिव तांडव व राधा-कृष्ण नाटक व नृत्य आदि प्रस्तुति ने दर्शर्कों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। साथ ही संस्थान के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये। विभिन्न राज्यों की संस्कृति कुमाऊंनी, गढवाली, भांगड़ा, डांडिया, गुजराती, हरियाणवी नृत्य व नाटकों के माध्यम से जब मंच पर प्रदर्शित हुई तो दर्शक विस्मित हो देखते ही रहे। दर्शकों की तालियों की गडगड़ाहट ने छात्र छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर श्रीराम संस्थान के प्रबन्धन एवं वाणिज्य विभाग की सहायक प्रवक्ता डाॅ. गुलनाज सिद्दीकी को निरन्तर 10 वर्ष से अपनी सेवाएं देने के लिए लॉन्ग सर्विस अवार्ड तथा संस्थान की मैनेजर एचआर श्रीमती अमृता अग्रवाल व असिस्टेंट एवं मैनेजर (पी एण्ड ए) श्री आशीष कुमार को बैस्ट एंप्लाॅयी अवार्ड से सम्मानित किया गया। साथ ही साथ 28 मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गयी। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार ने सभी दर्शकों, अतिथियों एवं अभिभावकोऔ का स्वागत किया और विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की तथा विगत 18 वर्षो मे संस्थान द्वारा अर्जित उपलब्धियों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि संस्थान में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को विश्वस्तरीय एजुकेशन देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। प्रोजेक्ट, इंटर्नशिप सहित अन्य माध्यमों से उनकी पढ़ाई कराई जा रही है। यही कारण है कि श्रीराम संस्थान के छात्र-छात्राएं अपनी निष्ठा, लगन और परिश्रम के बल पर देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न प्रसिद्ध बहुराष्ट्रीय कंपनियों मे कार्यरत हैं। मुख्य अतिथि प्रो. (डाॅ.) ओंकार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों को संयम, मर्यादा एवं अनुशासन के साथ जीवन व्यतीत करना चाहिए। उनको प्रैक्टिकल ज्ञान पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ी को वो सभी अवसर प्रदान करें। शिक्षा के साथ-साथ उनके बहुमुखी विकास हेतु संभावनाएं उपलब्ध कराएं। उत्तराखण्ड टेकिनल यूनिवर्सिटी की अपनी एक रेलेवन्स है उसने इस पूरे उत्तराखंड प्रदेश को तकनीकी शिक्षा और प्रोफेषनल ऐजुकेशन जीतने के लिए इसको बनाया गया। किसी भी उच्च शिक्षण संस्था का उद्देश्य किसी संस्था विशेष किसी उद्योग विशेष के लिए प्रोडक्ट्स बनाने का काम नहीं है। ऐजुकेशन सिस्टम वह है जो बच्चों के अंदर एक काॅलेज की सक्षम और योग्य देने का काम करता है। उन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने का उद्देश्य बच्चे के अंदर चिंतन एवं मनन करने की शक्ति प्रदान करता है। आज यदि आईटी के अन्दर प्रयोग एवं सदुपयोग की बात करें तो मात्र 20 प्रतिशत की आवादी डिजिटल कन्टैक्टिविटि है अभी भी 80 प्रतिशत के पास डिजिटल कन्टैक्टिविटि नहीं है। यह फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सा कोर्स कर रहे है, जरूरत है आपकी जो आपकी क्रिएटिविटि एवं योग्यता है उनको परिस्थितियों के आलोक में कैसे इस्तेमाल कर रहें है। आज का डाएनेमिक ऐजुकेशन सिस्टम में पाठ्कक्रम में सतत् रूप् से परिमार्जन की जरूरत पड़ती है।
शिक्षा का उद्देष्य बच्चों को अल्प अबधि के पायठ्क्रम द्वारा इमिडिएट रोजगार के लिए तैयार करना है। विश्व द्वारा 17 सस्टेनेवल गोल्स पर फोकस किया जा रहा है। 2030 तक सभी सोसाइटी को संस्टेनेवल बनाना है। श्री कैलाश चन्द्र गहतोडीने कहा कि यदि हम अच्छा समाज एवं अच्छी संस्कृति चाहते है तो हमें स्वंय से शुरुआत करनी होगी तभी हम विभिन्न अव्यवस्थाओं को दूर कर सुसंस्कृत समाज का निर्माण कर सकते है। योगेश कुमार जिंदल जी ने अपने संबोधन में कहा कि कौशलपूर्ण भारत के निर्माण के लिए हमें शिक्षा को कौशलपूर्ण बनाना होगा। उन्होंने कहा कि आज केविद्यालयों में केवल किताबी ज्ञान को अर्जित करने का संस्कार ही नहीं बल्कि धन अर्जन के लिए उच्च महत्वाकांक्षा के साथ खुली स्पर्धा में उतार दिया जाता है। आज की पीढ़ी में प्रचण्ड इच्छा शक्ति का होना बुद्धि में पण्डित एवं जीवन में स्वावलंवन होना बहुत महत्वपूर्ण है। शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसी वीरता की आवश्यकता है क्योकि हर पड़ोसी देश भारत को दबाने में लगा हुआ है। श्रीमती ऊषा चौधरी ने.अपने संबोधन मे महिलाओं को अपने अंदर छिपी प्रतिभाओं को पहचानकर समाज की बेहतरी के लिए काम करते रहने को प्रेरित किया। कहा कि छात्र-छात्राए अपना पूरा ध्यान अपनी पढाई पर लगाएं और देश के विकास मे अपना योगदान करें। संस्थान के निदेशक प्रो. (डाॅ.) योगराज सिंह ने कहा कि युवा ही समाज को सृजनात्मकता के द्वारा आगे बढ़ा सकता है। इनकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए अध्यापकों को प्रेरणा स्त्रोत का कार्य करना चाहिए। इस अवसर पर उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय, देहरादून, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल, काशीपुर, रामनगर क्षेत्र की जानीमानी हस्तियो ने शिरकत कर कार्यक्रम को सुशोभित किया। प्राचार्य डा. एसएस कुशवाहा ने धन्यवाद प्रस्ताव मे सभी दर्शकों, अतिथियों एवं अभिभावकों का आभार व्यक्त करते हुए श्रीराम संस्थान के उज्जवल भविष्य की कामना की। मंच संचालन संस्थान के प्रवक्ता कुलदीप गोस्वामी, श्रीमती दीप्ती सिरोही, डाॅ. शिप्रा शर्मा, डाॅ. अर्चना शर्मा, डठ।ए ठठ। छात्र-छात्रा कु. मानसी रावत एव हर्शित चावला ने किया। विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्ष डाॅ. पृथ्वीराज सन्याल, डाॅ. सुनीता शर्मा, बलविंदर सिंह, समस्त प्रवक्ता, स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं के अथक प्रयासों के चलते कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।